अतिरिक्त >> निष्ठा की मौत निष्ठा की मौतकैलाशनाथ पाण्डेय
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निष्ठा की मौत पुस्तक का किंडल संस्करण...
किंडल संस्करण
‘निष्ठा की मौत’ उपन्यास समकालीन भारतीय जीवन के उन स्थितियों और सन्दर्भों को उजागर करता है, जिनके कारण ‘मोहन’ या मोहन-जैसे सैकड़ों लोग मनुष्यता का हित करने की कोशिश में नष्ट हो जाते हैं। यह उपन्यास इस अर्थ में ‘मोहन’ की त्रासदी न होकर लोकमंगल से सम्बद्ध उन मूल्यों की त्रासदी है, जिनके लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगाकर मोहन जैसे लोग संघर्ष करते हैं और अन्त में उनकी मृत्यु उस शुभ कार्य पर ही प्रश्न चिह्न लगाती है, जो सामाजिक मंगल के लिए अनिवार्य है। इस प्रकार के उपन्यास सामाजिक अभिव्यक्ति के साथ-साथ मनुष्य को लोकमंगल की कामना से लोकमंगल की ओर प्रेरित भी करते हैं। इस दृष्टि से इन्हें अवश्य पढ़ा जाना चाहिए।
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